मेरी चाहत मेरी राहत just “you” मेरा दिल❤ मेरी जान only fou “you”
तुम्हारा तो गुस्सा भी इतना प्यारा हे के… दिल करता हे दिन भर तुम्हे तंग करता रहु….
ये जो तेरे बगैर खालीपन_लगता है ना. प्यार की भाषा में उसे ही मोहब्बत कहते है।
नाराजगी भी बड़ी प्यारी सी चीज है, चंद पलो मे प्यार को दुगुना कर देती हैं.।
मोहब्बत का शौक यहां किसे था. तुम पास आते गए और मोहब्बत होती गई.
We are shaped and fashioned by what we love.
तुमने जिंदगी का नाम तो सुना सुना ही होगा, मैंने पुकारा है तुम्हें अक्सर उस नाम से!
Keep love in your heart. A life without it is like a sunless garden when the flowers are dead.
Love is a friendship set to music.
मैं इश्क़ हूँ , तू ज़िद्द है , मैं तुझमें हूँ , तू मुझमें है !!
सुनो ये बादल जब भी बरसता है, मन तुझसे ही मिलने को तरसता है.
प्यार तो बस दो लफ़्ज़ों की कहानी हैं, हम और तुम रहे साथ..बस यही तो जिंदागनी हैं,❤️
मुहब्बत साथ हो जरूरी नहीं.. पर मुहब्बत जिन्दगी भर हो ये बहुत जरूरी है…
♡♤जो दिल के ख़ास होते हैं… वो हर लम्हा आस पास होते हैं.♡♤
If I had a flower for every time I thought of you… I could walk through my garden forever.
The art of love is largely the art of persistence.
I have decided to stick with love. Hate is too great a burden to bear.
If I know what love is, it is because of you.
मेरी मोहब्बत की हद ना तय कर पाओगे तुम, तुम्हें साँसों से भी ज्यादा मोहब्बत करते है हम.❤️
When you arise in the morning, think of what a precious privilege it is to be alive – to breathe, to think, to enjoy, to love.
खुल जाता है तेरी यादों का बाजार सुबह सुबह, और हम उसी रौनक में पूरा दिन गुजार देते है !!
“Love recognizes no barriers. It jumps hurdles, leaps fences, penetrates walls to arrive at its destination full of hope.”
You're always with yourself, so you might as well enjoy the company
We are most alive when we're in love.
चाहे कितनी भी बातें कर लो.. Chatting से, पर दिल की तलब पूरी होती हैं, जब तुम्हें देखूँ आँखो के सामने.#
इन आँखों को जब तेरा दीदार हो जाता है दिन कोई भी हो मेरा त्यौहार हो जाता है.
अगर मुझे अपनी ज़िन्दगी दोबारा जीने का #मौका मिले तो इस बार तेरा नाम पहले अपने हाथो की लकीरो में लिखवा कर आऊंगा
सुन बस एक ही ख्वाहिश है,की तुझे खुद से ज्यादा चाहूँ, मैं रहू या ना रहू मेरी वफ़ा हंमेशा याद रहेगी।
सुन पगली, तुम्हारी फ़िक्र हैं ‘शक’ नहीं, तुम्हें कोई और देखे ये किसी को हक़ नहीं,
इन आँखों से पी लूँ तुझे इस दिल में कैद कर लूँ, मेरी “अमानत” है तू, आ तुझे सबसे छुपा कर रख लूँ