शौंक नहीं है मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का … मगर क्या करूँ , अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का

हमने तो तेरे इश्क़ में रो रो कर दरिया बहा दिए, तू इतना बेवफा निकला कि हम उस दरिया में नहा लिए।