हमने तो चारो तरफ पढ़ाई का माहौल बनाया है, लेकिन फिर भी एग्जाम में अंडा ही आया है, हम तो यूँ ही चल देते हैं बिना मुंह धोये ही एग्जाम में, साले दोस्त कहते हैं ये तो बहुत पड़के आया है।
तेरी धड़कन ही ज़िंदगी 🌹का किस्सा है मेरा, तू ज़िंदगी का एक अहम् हिस्सा है मेरा, मेरी मोहब्बत 💖 तुझसे, सिर्फ़ लफ्जों की नहीं है, तेरी रूह से रूह तक का रिश्ता है मेरा।
अपनी मोहब्बत 🌹कि खुशबु से नूर कर दे, जुदा न हो सकु इतना मगरुर कर दे, मेरे दिल ♥️ मे बस जाए वफ़ा तेरी , किसी और को ना देखु मुझे इतना मजबुर कर दे।
कुछ तुम कहो, कुछ हम कहे,और एक कहानी बन जाये एक रोज़ पड़ेंगे लोग इन्हे , और मिसालें हमारी बन जाये
आंखों के रास्ते दिल ♥️ में उतर कर नही देखा, तूने मेरे सीने में अपनी यादों का घर 🏘️ नही देखा, तेरे इश्क की वहशत ने पागल 🤪 बना दिया है मुझे, तेरी गलियों की खाक के सिवा मैंने कुछ नही देखा।
इस बात का एहसास किसी पर ना होने देना .., कि तेरी चाहतों से चलती है हैं मेरी साँसे।
"ये जो हलकी सी फ़िक्र करते हो न हमारी, बस इसलिए हम बेफिक्र रहने लगे हैं।
बागों के सारे फूल गिर जातें है जब तू आती है, अंधी है क्या देख कर चला कर गमलो से क्यों टकराती है।
हमने तो तेरे इश्क़ में रो रो कर दरिया बहा दिए, तू इतना बेवफा निकला कि हम उस दरिया में नहा लिए।
"मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं, चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।
अच्छा लगता है जब कोइ छिपकली और कॉकरोच से डरने वाली आपके लिए पूरी दुनिया से लड़ जाए..😍 😍
किसी ने मुझ से कहा बहुत खुबसूरत लिखते हो यार,मैंने कहा … खुबसूरत मैं नहीं वो है जिसके लिए हम लिखा करते है
कोई मुक़दमा ही कर दो हमारे सनम पर, कम से कम हर पेशी पर दीदार तो हो जायेगा।
तू मुझमें पहले भी था , तू मुझमें अब भी है। पहले मेरे लफ्जों में था अब मेरी खामोशियों में है।
दुनियाँ में इतनी रस्में क्यों हैं, प्यार अगर ज़िंदगी है तो इसमें कसमें क्यों हैं।
लिखी कुछ शायरी ऐसी तेरे नाम से कि,जिसने तुम्हे देखा भी नही उसने भी तेरी तारीफ कर दी
नशा था उनके प्यार का , जिसमें हम खो गए , उन्हें भी पता नहीं चला कि कब हम उनके हो गए।
तेरे चेहरे में मेरा नूर होगा … फिर तूँ ना कभी मुझसे दूर होगा सोच क्या ख़ुशी मिलेगी जान उस पल …. जिस पल तेरी माँग में मेरे नाम का सिंधूर होगा।
बहुत दिनों बाद तेरी महफ़िल में कदम रखा है , मगर नजरो से सलामी देने का तेरा अंदाज़ नही बदला
तेरे सिवा कौन समा सकता है मेरे दिल में, रूह भी गिरवी रख दी है मैंने तेरी चाहत में।
तुम बदले तो मजबूरियाँ थी… हम बदले तो बेवफ़ा 😥 हो गए…!
हमदम तो साथ चलते हैं , रास्ते तो बेवफ़ा बदलते हैं , तेरा चेहरा है जब से आँखों में , मेरी आँखों से लोग जलते हैं।
एक दिन हम आपसे इतने दूर हो जायेंगे, के आसमान के इन तारो 🌌 में कही खो जायेंगे, आज मेरी परवाह नहीं आपको, पर देखना एक दिन हद से ज्यादा, हम आपको 😌 यादआएंगे!!
शौंक नहीं है मुझे अपने जज़्बातों को यूँ सरेआम लिखने का … मगर क्या करूँ , अब जरिया ही ये है तुझसे बात करने का
मोहब्बत करने चला है, तो कुछ अदब भी सीख लेना ऐ दोस्त… इसमें हंसते साथ हैं, पर रोना अकेले ही पड़ता है….
कहा मिलेगा तुम्हे मुझ जैसा कोई; जो तुम्हारे सितम भी सहे; और तुमसे मोहब्बत भी करे!
मेरी ज़िन्दगी में खुशियाँ तेरे बहाने से हैं, आधी तुझे सताने से हैं… आधी तुझे मनाने से हैं।
तेरे साथ भी तेरा था, तेरे बिन भी तेरा ही हूँ।
ये आँखें हैं जो तुम्हारी , किसी ग़ज़ल की तरह खूबसूरत हैं…. कोई पढ़ ले इन्हें अगर इक दफ़ा तो शायर हो जाए…!!
एक सुकून सा मिलता है….तुझे सोचने से भी…. फिर कैसे कह दूँ…मेरा इश्क़ बेवजह सा है….