कुछ आत्माएं एक दुसरे को मिलते ही समझ जाती हैं.
पुरुष मित्रता को फ़ुटबाल की तरह चारो ओर मारते हैं, लेकिन वो टूटती नहीं है. महिलाएं इसे शीशे की तरह लेती हैं और वो टुकड़े-टुकड़े हो जाती है.
एक दोस्त से अच्छा कुछ नहीं होता, जब तक चॉकलेट के साथ एक दूसरा दोस्त नहीं आ जाता.
जब आप अपने मित्रों का चुनाव करें, तो चरित्र की जगह व्यक्तित्व का चयन करने का धोखा ना खाएं.
वो मित्र जिन्हें अप सुबह चार बजे फोन कर सकते हैं वास्तव में मायने रखते हैं.
कभी समझाएं नहीं- आपके मित्रों को इसकी ज़रुरत नहीं है और वैसे भी आपके शत्रु आप पर यकीन नहीं करेंगे.
अगर आप पता लगाना चाहते हैं कि सच्चा दोस्त कौन है, गड़बड़ कर दीजिये और मुसीबत के दौर से गुजरिये….फिर देखिये कौन आपके साथ टिका रहता है.
अगर आप खुद से दोस्ती कर लेंगे तो आप कभी भी अकेले नहीं होंगे.
एक प्यारी दोस्ती आत्मा को तरोताज़ा कर देती है.
अपने काम, अपने कथन और अपने मित्र के प्रति सच्चे रहिये.
अंत में हम अपने दुश्मनों की कही बातें नहीं बल्कि दोस्तों का मौन याद रखेंगे.
लोग अकेले हैं क्योंकि वे पुल के बजाय दीवारों का निर्माण करते हैं।
मित्र बनाने में धीमे रहिये और बदलने में और भी.
याद रखिये कोई भी व्यक्ति जिसके पास मित्र हैं वो असफल नहीं है.
वे ये भूल सकते हैं कि आपने क्या कहा, लेकिन वे ये कभी नहीं भूलेंगे कि आपने उन्हें कैसा महसूस कराया.
कोई भी दोस्ती इत्तफाक नहीं है.
जब आप लोगों से परफेक्ट होने की उम्मीद छोड़ देते हैं तब आप उन्हें उसके लिए पसंद कर सकते हैं जो वे हैं.
नए दोस्तों के बारे में सबसे अच्छी चीज ये है कि वे हमारी आत्मा को नयी उर्जा से भर देते हैं.
एक दोस्त जो आपके आंसुओं को समझता है वो उन ढेर सारे मित्रों से कहीं ज्यादा कीमती है जो सिर्फ आपकी मुस्कान को जानते हैं.
एक दोस्त वो होता है जो आपको वैसे ही जानता है जैसे आप हैं, आपके बीते हुए कल को समझता है, आप जो बन गए हैं उसे स्वीकारता है, और तब भी आपको आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ने देता है.
ज़िन्दगी थोड़ी वो है जो हम इसे बनाते हैं, और थोड़ी वो जो ये हमारे चुने हुए दोस्तों द्वारा बनायीं जाती है.
मित्र वो दुर्लभ लोग होते हैं जो पूछते हैं कि हम कैसे हैं और फिर हमारे उत्तर की प्रतीक्षा करते हैं.
यदि आप एक दोस्त की तलाश करेंगे तो आप पायेंगे कि वे बहुत ही कम हैं. यदि आप दोस्त बनेंगे, तो आप उन्हें हर जगह पायेंगे.
अपने दोस्त में मुझे मेरा दूसरा स्वयं दिखता है.
दोस्त की मुसीबतों के साथ कोई भी सहानभूति प्रकट कर सकता है, लेकिन दोस्त की सफलता के साथ सहानभूति प्रकट करने के लिए बहुत ही अच्छी प्रकृति की आवश्यकता है.
जो सबका मित्र होता है वो किसी का मित्र नहीं होता है.
सच्चे दोस्त सामने से छुरा भोंकते हैं.
मित्रता अनावश्यक है, दर्शन और कला की तरह…इसके जीवन का कोई महत्त्व नहीं है; बल्कि ये उन चीजों में है जो जीवन को महत्त्व देती हैं.
दोस्त बनाने का सबसे अच्छा समय होता है उनकी ज़रुरत पड़ने से पहले.
एक सच्चा दोस्त कभी आपके रास्ते में नहीं आता जब तक कि आप गलत रास्ते पे ना जा रहे हों.